मेरे भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती मैं कैसे बयां करू शब्द कम पड़ जाते है इसलिए उदाहरण ही दे पाउँगा-जहाँ एक चाय वाला can aspire to be Prime minister of India और एक किसान का बेटा भी देश चलाने को सोच सकता है उस देश का नाम भारत है वही भारत-जिसका नाम उस बालक भरत के नाम पर पड़ा जो शेर का मुँह खोल कर उसके दांत तक गिन लेता था India's political experiment is unique in world जब हम आजाद हुए तभी से बहुत सारे विद्वानों दूरदर्शियों ने कहना शुरू कर दिया था ये देश बहुत जल्दी टूट जायेगा पर 70 साल का इतिहास साक्षी है ये देश बिना विखंडित हुए प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है हम लोग अक्सर अपने संविधान में कमियों की बात करते है पर कही न कही हम भूल जाते है कि जब देश आज़ाद हुआ था तब परिस्थितियां कैसी थी हमने हर तबके(राजाओं से लेकर अछूतों) को ध्यान में रखकर एक समान मौलिक सिद्धांत बनाने थे जो बने और आज भी संविधान में 100 से ऊपर संशोधन करके हम एक सभ्य औए विकसित समाज की ओर अग्रसर है I देश की प्रगति की कामना करते हुए गणतंत्र दिवस की सभी को शुभकामनाये....
साहिल कुमार, भारत का एक सक्रिय नागरिक
साहिल कुमार, भारत का एक सक्रिय नागरिक
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